Not known Factual Statements About hanuman chalisa

[Saba=all; sukha=happiness, pleasures; Lahai=stay; tumhari=in your; sarana=refuge; tuma=you; rakshaka=protector; kahoo ko=why? or of whom; darana=be afraid]

Staying entirely aware of The dearth of my intelligence, I pray to you the son of Pavan, the Wind God (Hanuman). I humbly request you to definitely grant me strength, intelligence and information and just take away all my afflictions and shortcomings.

सदा रहो रघुपति के दासा ॥३२॥ तुह्मरे भजन राम को पावै ।

व्याख्या – श्री हनुमान जी को उनकी स्तुति में श्री लक्ष्मण–प्राणदाता भी कहा गया है। श्री सुषेण वैद्य के परामर्श के अनुसार आप द्रोणाचल पर्वत पर गये, अनेक व्यवधानों एवं कष्टों के बाद भी समय के भीतर ही संजीवनी बूटी लाकर श्री लक्ष्मण जी के प्राणों की रक्षा की। विशेष स्नेह और प्रसन्नता के कारण ही किसी को हृदय से लगाया जाता है। अंश की पूर्ण परिणति अंशी से मिलने पर ही होती है, जिसे श्री हनुमन्तलाल जी ने चरितार्थ किया।

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।

लङ्केस्वर भए सब जग जाना ॥१७॥ जुग सहस्र जोजन पर भानु ।

mahābīraMahābīraGreat braveness jabaJabaWhen nāguyāmaName SunshineāvaiSunāvaiHeard / termed Which means: Evil Spirits/Ghosts and Demons don’t arrive in the vicinity of when your name is uttered – Oh wonderful Terrific hero!.

बिना श्री राम, लक्ष्मण एवं सीता जी के श्री हनुमान जी का स्थायी निवास सम्भव भी नहीं है। इन चारों को हृदय में बैठाने का तात्पर्य चारों पदार्थों को एक साथ प्राप्त करने का है। चारों पदार्थों से तात्पर्य ज्ञान (राम), विवेक (लक्ष्मण), शान्ति (सीता जी) एवं सत्संग (हनुमान जी) से है।

भावार्थ – जो इस (हनुमान चालीसा) का सौ बार पाठ करता है, वह सारे बन्धनों और कष्टों से छुटकारा पा जाता है और उसे महान् सुख (परमपद–लाभ) की प्राप्ति होती है।

भावार्थ – माता जानकी ने आपको वरदान दिया है कि आप आठों प्रकार की सिद्धियाँ (अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व, वशित्व) और नवों प्रकार की निधियाँ (पद्म, महापद्म, शंख, मकर, कच्छप, मुकुन्द, कुन्द, click here नील, खर्व) प्रदान करने में समर्थ होंगे।

हनुमान चालीसा, लाभ, पढ़ने का सही समय, क्यों पढ़ें?

.. और यही कारण है निराला जी तुलसीदास को कालिदास, व्यास, वाल्मीकि, होमर, गेटे और शेक्सपियर के समकक्ष रखकर उनके महत्त्व का आकलन करते हैं।

दक्षिण भारत की प्रदिद्ध बाल गायिका सूर्यगायत्री के मुख से हनुमान चालीसा पाठ

भावार्थ – तपस्वी राम सारे संसार के राजा हैं। [ऐसे सर्वसमर्थ] प्रभु के समस्त कार्यों को आपने ही पूरा किया।

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